महाशिवरात्रि पर्व पर श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर बनेगा फूल बंगला

मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि की अध्यक्षता व मार्गदर्शन में हो रही हैं तैयारियां

मंदिर में रावण व रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने की थी तपस्या, रावण ने अपना शीश भी चढ़ाया था

गाजियाबाद, सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में दो दिवसीय फाल्गुन महाशिवरात्रि मेले को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करेंगे। जलाभिषेक के दौरान शिव भक्तों को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि स्वयं सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं। तैयारियों का जायजा लेने के लिए मेयर, नगर आयुक्त, पुलिस कमिश्नर व डीसीपी समेत सभी अधिकारी भी नियमित रूप से मंदिर पहुंच रहे। नए जिलाधिकारी अभी तक मंदिर नहीं पहुंचे हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर फूल बंगले के रूप में नजर आएगा और मंदिर को सजाने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि महाराजश्री की अध्यक्षता व मार्गदर्शन में मंदिर के स्वयं सेवक सभी तैयारियों में लगे हुए हैं। मेयर सुनीता दयाल, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक, पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा आदि अधिकारी भी तैयारियां का जायजा ले चुके हैं। श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास रावण काल से जुडा है। पुलस्त्य के पुत्र और रावण के पिता ऋषि विश्रवा तथा रावण ने इस मंदिर में तपस्या की थी। मंदिर को दुधेश्वर हिरण्यगर्भ महादेव मंदिर मठ के रूप में जाना जाता है। रावण ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए मंदिर में अपना शीश चढ़ाया था।  इस मंदिर को देश के प्रमुख आठ मठों में भी गिना जाता है। औरंगजेब के काल में मराठा वीर शिरोमणि छत्रपति शिवाजी यहां आए थे और उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्वार कराया था। उनके द्वारा जमीन खुदवा कर गहराई में बनवाया गया हवन.कुंड आज भी मंदिर परिसर में मौजूद है। यहां पर भगवान शिव खुद प्रकट हुए थे। आज यहां पर जमीन से तीन फीट नीचे शिवलिंग मौजूद है। श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि फाल्गुन शिवरात्रि को ही भगवान प्रकट हुए थे और इसी दिन शिव व शक्ति मिलन हुआ था यानि शिव-पार्वती विवाह हुआ था, इसी कारण इस पर्व को महाशिवरात्रि पर्व के नाम से जाना जाता है। एस आर सुथार ने बताया कि महाराजश्री के दिशानिर्देश, मन्दिर विकास समिति के अध्यक्ष, धर्म परिवार फाउंडेशन के चेयरमैन धर्मपाल गर्ग, मन्दिर विकास समिति व धर्म परिवार फाउंडेशन के उपाध्यक्ष अनुज गर्ग के सहयोग से सभी तैयारियां चल रही हैं। उनकी ओर से प्रसाद आदि की व्यवस्था भी की जाएगी। श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल के साथ मोहित, मुकेश आदि भगवान के श्रृंगार में सहयोग करेंगे। 7 मार्च को सायं 6 बजे से 6.30 बजे तक भगवान का भव्य श्रृंगार व आरती होगी। भगवान शिव की भव्य बारात निकलेगी और उसके बाद सुबह तक भजन संध्या का आयोजन होगा। रात्रि 12 बजे से भगवान का जलाभिषेक शुरू हो जाएगा। 8 मार्च को प्रातः 3 बजे आरती होगी और उसके बाद भगवान का भव्य श्रृंगार होगा। प्रातः 8 बजे ध्वजारोहण होगा और आठ प्रहर का अलग-अलग पूजन होगा। सांय भगवान के भव्य श्रृंगार के बाद उन्हें 151 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। महाराज श्री सभी तैयारियां पर नजर बनाए हुए हैं क्योंकि उनका मानना है कि हर जीव शिव है और हम सभी की जीवन यात्रा भी जीव से शिव की ओर है, अतः शिवरूपी किसी भी भक्त को कोई भी परेशानी नहीं होनी चाहिए।

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